Tuesday, 12 February 2013

"सर्वज्ञान कोष" की पहली पोस्ट


मैं घर से निकलता हूँ एक सदा साथ चलती है,
बीमार होता हूँ तो दवा साथ चलती है |
अभी ज़िंदा है माँ मेरी, मुझे कुछ नही होगा,
मैं घर से निकलता हूँ उसकी दुआ साथ चलती है|




मेरे प्यारे भाइयो और बहनों, और मेरे अजीज दोस्तों, मैं स्वागत करता हूँ आपका अपने इस नए ब्लॉग पर जिसका नाम है "सर्वज्ञान कोष" यानी कि  हर तरफ से ज्ञान की वर्षा होने वाली है इस ब्लॉग पर
दोस्तों ये मेरी पहली पोस्ट है और मेरी कोशिश यही होनी चाहिए की मैं आप सबके दिलो को जीत लूं और आप सब की मदद से मैं अपने ज्ञान को इस ब्लॉग पर संजो कर रखूँ | दोस्तों मैं तकनीकी ज्ञान में बहुत रुचि रखता हूँ और बहुत कुछ सीखता हूँ मेरा कोई दोस्त नही शायद यही वजह रही कि मैंने कंप्यूटर और इन्टरनेट को ही अपना दोस्त माना जिसकी मदद से आज सब लोग मुझे कंप्यूटर का कीड़ा बुलाने लगे वो यूँ कि मैं एक कंप्यूटर  टीचर हूँ और बारह साल से इस क्षेत्र में कार्यरत हूँ और बहुत सी उपलब्धियां मुझे मिली और कुछ शायद इन्तजार भी कर रही हों मैं नहीं जानता मैं तो बस इतना जानता हूँ की ज्ञान सब तरफ बँट रहा है बस उसे प्राप्त कर लो | इन्टरनेट की दुनिया एक अजीब सी दुनिया है जहाँ कोई तो खो जाता है और कोई उसके ज्ञान के अथाह समुन्दर में उतरता चला जाता है और वहां से निकलने का उसका मन ही नही करता | 
किसी ने कहा है की हर व्यक्ति में कोई न कोई खूबी ज़रूर होती है बस आवश्यकता है तो उसे पहचानने की | कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ मेरे पढाये हुए कुछ छात्र जब मुझसे ये कहते कि सर आप महान हो तो मैं उन सबको समझ नही पाता था क्योंकि मेरा विश्वास कर्म करने में है और मैं यही सोचता कोंई किसी के कहने से महान नही बनता उसे अपने आप को प्रसिद्ध बनाने के लिए कर्म महान कर्म करने पड़ते हैं और मैं इस लायक कहाँ , मेरे छात्र मुझे झाड के पेड़ पर चढाने के लिए भी ऐसा कहते हैं लेकिन पांचो उंगलियाँ बराबर नही होती फिर एक दिन किसी ने मुझसे कहा माना कि आप किसी लायक नही, ऐसा आपको इसीलिए लगता है क्योंकि आप अपने ऊपर विश्वास नही रखते और कर्म करते जाते हैं और ज्ञान को संजो कर नही रखते ज्ञान बटेगा तो बढेगा और आपको ज़रुरत है की आप अपने ज्ञान को साझा करे जिसके लिए आपको दुनिया के सामने आना चाहिए और अपने आपको साबित करना चाहिए हो सकता है इस अनजाने में ही आप किसी की दुआ और सहानुभूति के हकदार बन जाए जो आपके लिए एक उपलब्धि साबित हो | और आप किस लायक हैं ये तय करेंगे आपके चाहने वाले | 

तो दोस्तों मैं आपके प्यार और सहानुभूति पाने के लिए अपना सर्वस्व देना चाहूँगा क्योंकि मैं इस ब्लॉग पर नया हूँ इसीलिए गलती होना लाजमी है जिसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ और इस ब्लॉग पर मैं जो कुछ भी लिखूंगा वो तकनीक से भरा तो होगा ही और अगर उसमे आप कोई गलती देखे या कोई ऐसा शब्द जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे तो मुझे क्षमा कीजिएगा और मुझे ज़रूर बताइयेगा मैं कोशिश करूंगा की ऐसा दोबारा न हो |

मौहम्मद मौनिस सैफी 


                                                                                  


1 comment:

  1. sir muja peta lag gyaa hai bena registration keray kase jase aap pedhte hai bus all mail kesa pedhte hai ya betha 2

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