Wednesday, 28 January 2015

गूगल को चुनौती देने के लिए आ रहा है स्काइनेट


जी हाँ दोस्तों, आपने सही सुना अब गूगल बाबा को चुनौती देने के लिए मार्किट में एक नया search engine बहुत जल्द आ रहा है यूँ कहिये बस लांच हो ही गया अब आपको कुछ भी खोजना हो तो गूगल ही एक बेहतरीन जरिया नहीं है इसके अलावा और भी search engine होते हैं जैसे yahoo, bing वगैरह वगैरह लेकिन आपको तो पता ही है कि गूगल सबसे अच्छा  है लेकिन जानकारी के मुताबिक़ इसमें गूगल से भी अच्छी खूबियाँ होने का दावा कंपनी कर रही है पर हमें तो तभी मालूम होगा जब हम इसे इस्तेमाल करेंगे है न दोस्तों | फिलहाल इसकी जानकारी जागरण समूह ने साझा की है तथा इसके लिए हम जागरण समूह के आभारी हैं और इसकी खूबियों को भी उसी की जुबान में जान लेते हैं |

दुनियाभर में बड़े पैमाने पर सर्च इंजन के तौर पर गूगल का इस्तेमाल होता है। भारत में तो लगभग हर कोई किसी भी जानकारी के लिए गूगल सर्च का ही प्रयोग करता है, लेकिन अब स्काइनेट नामक नया सर्च इंजन, उसे टक्कर देने के लिए आ गया है। शोधकर्ताओं का दावा है कि स्काइनेट, वर्तमान में उपलब्ध सर्च इंजनों से अधिक तेज काम करेगा और लोगों को अधिक निपुणता से जांच करने में मदद करेगा। हेलसिंकी इंस्टीट्यूट फॉर इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (एचआइआइटी) ने स्काइनेट सर्च इंजन को तैयार किया है। उनके अनुसार, यह अन्य से अलग है, क्योंकि सर्च के समय यह खोज से संबंधित की-वर्ड भी दर्शाता है। स्काइनेट का इस्तेमाल करने वाले उचित व विभिन्न प्रकार के परिणाम अधिक तेजी से प्राप्त कर सकते हैं, विशेषकर तब जबकि वे यह नहीं जानते कि किसी जानकारी को कैसे देखा या खोजा जाए। एक बार प्रश्न पूछने के बाद, स्काइनेट टॉपिक रडार पर विस्तृत की-वर्ड और विषयों को दर्शाता है। टॉपिक रडार पर मिले निर्देशों की मदद से सर्च इंजन यह दिखाता है कि कैसे वे एक-दूसरे से संबंधित हैं। यही नहीं, प्रत्येक की-वर्ड की प्रासंगिकता रडार के मध्य बिंदु पर डिस्प्ले होती रहती है। स्काइनेट प्रोजेक्ट के को-आर्डिनेटर तुक्का रूट्सलो ने बताया, 'टॉपिक रडार पर शब्दों के आने से यूजर्स समझ पाएंगे कि उन्हें कौन सी जानकारी चाहिए। इसके बाद उनके लिए कुछ भी खोजना आसान हो जाएगा।' स्काइनेट प्रोजेक्ट से जुड़े पेपरों को एसीएम के जर्नल कम्युनिकेशन में प्रकाशित किया गया था। 



Whatsapp का मजा ले अपने PC पर बिना किसी सॉफ्टवेयर की मदद के |



दोस्तों, आज मैं आपके लिए एक और नयी तकनीक की जानकारी लेकर आया हूँ जैसा कि आप जानते ही हैं कि दुनिया में तकनीक कितनी तेजी से विकसित हो रही है आज whatsapp की दुनिया है social site facebook के user कम हो रहे हैं और ज्यादातर whatsapp इस्तेमाल कर रहे हैं और आज whatsapp प्रत्येक के लिए जरूरी हो भी चुका है लेकिन कभी कभी हम मोबाइल या उसकी बैटरी ख़त्म होने जैसी समस्याओं से जूझते हैं तब हम व्हासप्प से अलग हो जाते हैं जबकि हम चाहते हैं कि हर वक़्त जुड़े रहे लेकिन क्या करे कभी कभी किस्मत खराब हो तो कुछ नहीं कह सकते आज आपके लिए एक खुशखबरी लाया हूँ whatsapp को अब आप अपने पक पर भी चला सकते हैं इसके लिए आपको किसी सॉफ्टवेयर की मदद भी नहीं चाहिए सिर्फ इन्टरनेट चाहिए अपने फ़ोन में भी और PC में भी तो चलिए whatsapp की तरफ se ये नया तोहफा हम क़ुबूल करते हैं और जानते हैं कि कैसे किया जा सकता है ये :


 दुनिया के सबसे पॉपुलर मेसेजिंग अप्प Whatsapp के दीवानो के लिए एक खुशखबरी है खुशखबरी ये है की अब आप Whatsapp को बिना किसी एक्स्ट्रा सॉफ्टवेयर की मदद से अपने पीसी पर भी चला सकते है Whatsapp का Web लिंक लॉन्च हो चूका है इस वेब लिंक का इस्तेमाल करके आप Whatsapp अपने पीसी पर भी चला सकते हो आइये जानते है की आप whatsapp को किस तरह अपने पीसी पर भी चला सकते है Whatsapp को पीसी पर चलाने के लिए आपको अपने मोबाइल में इसका लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करना होगा डाउनलोड करने के बाद इसे अपने मोबाइल में इस्टाल करे



इस्टाल करते ही चित्र के अनुसार सेटिंग पर क्लिक करे यहाँ आपको Whatsapp Web विकल्प दिखाई देगा जैसा आपको ऊपर चित्र में दिखाई दे रहा है इस पर क्लिक करे 



क्लिक करने के बाद अपने पीसी पर नेट चालू करके यहाँ क्लिक करके Web Whatsapp पर जाए और अपने मोबाइल का नेट चालू करके QR code स्कैन करे जैसा आप ऊपर चित्र में देख रहे है 


कोड स्कैन होते ही आपके फोन का whatsapp आपके पीसी पर खुल जाएगा जैसे आप चित्र में देख रहे है लेकिन ध्यान रहे whatsapp पीसी पर खुलने के बाद आपके फोन में भी नेट चालू रहे अगर आपके फोन में नेट बंद हो गया तो आपका पीसी से भी whatsapp बंद हो जाएगा 

इस तरह आप बिना किसी एक्स्ट्रा सॉफ्टवेयर की मदद से अपने पीसी पर भी whatsapp चला सकते हो लेकिन पीसी पर चलने वाले whatsapp में कुछ कमिया भी है आइए इन कमियों पर नजर डाले 

1. QR code स्कैन होने के बाद आपका फोन पीसी से कनेक्ट तो हो जाएगा लेकिन अगर आपके फोन में नेट बंद होता है तो आपके पीसी  से भी Whatsapp का कनेक्सन कट जाएगा यानि अगर आपको पीसी पर भी Whatsapp चलाना है तो आपके मोबाइल में भी नेट चालू रहना चाहिए 

2. Whatsapp Web केवल Google Chrome को स्पॉट करता है ये किसी और वेब ब्राऊचर पर नहीं चलेगा यानि अगर आपको Whatsapp अपने पीसी पर चलाना है तो आपको अपने पीसी पर Google Chrome भी इस्टाल करना होगा 

3. अगर आप अपने पीसी पर Whatsapp का Web वर्जन चलाते है तो आप किसी भी मेंबर को ब्लॉक नहीं कर सकते यानि वो लोग भी आपको मैसेज कर सकते है जिन्हे आपने अपने मोबाइल से ब्लॉक करा हुवा है 

4. और लास्ट कमी ये है की आप इसमें कोई नई ग्रुप भी नहीं बना सकते और ना ही किसी ग्रुप को छोड़ सकते हो

ये कुछ कमियां है जो की whatsapp के वेब वर्जन में है हो सकता है आने वाले टाइम में ये कमियां भी दूर हो जाए अभी तो बस आप इसकी नई सर्विस का मजा डेस्कटॉप पर ही ले।

आपको ये जानकारी कैसे लगी |







Friday, 16 January 2015

WINDOWS 7 (Part-2) Bill Gates Biography

दोस्तो यूं तो हम विंडोज 7 को शुरू कर रहे हैं तो जिस तरह किसी मशीन का इस्तेमाल करने से पहले ये पता होना चाहिए कि वो मशीन इस्तेमाल किसलिए होती है या कैसे काम करती है तो इसके लिए हमे या जानना होता है कि वह कैसे बनी कैसे आई यानि कि उसका इतिहास | तो दोस्तो आज मेरा उदेश्य आपको ये बताना है कि जिसने विंडोज 7 को बनाया है वो कौन है और उसका इतिहास क्या है |

दोस्तो ये तो आपको पता है कि विंडोज 7 एक प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसको बनाने वाली कंपनी का नाम है Microsoft Corporation आज की बात करें तो सबसे बड़ी सोफ़वेयर उत्पादक कंपनी जिसे बनाने और दुनिया मे नंबर 1 की उपलब्धता दिलाने का श्रेय जाता है उसके निर्माणकारी शक्स "Bill Gates" को जो वर्ष 2008 के अनुसार दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं |

 Bill Gates का पूरा नाम  विलियम हेनरी गेट्स III है जिनका जन्म 28 october 1955 को   सिएटल,वॉशिंगटन  में,विलियम एच और मरी मैक्‍सवेल गेट्स के यहाँ हुआ | उनका परिवार धनी था, उनके पिता एक प्रमुख वकील थे, उनकी माँ प्रथम इंटरस्टेट बैंक सिस्टम (First Interstate BancSystem)और यूनाइटेड वे (United Way) के निदेशक मंडल मे सेवारत थीं, जिनके  पिता, जे.डब्ल्यू.मैक्‍सवेल, एक राष्‍ट्रीय बैंक (national bank) के अध्‍यक्ष थे. 
गेट्स की एक बड़ी बहन, क्रिस्टी (क्रिस्तिंने), और एक छोटी बहन, लिब्बी है.वे अपने परिवार में सम नाम के चौथे व्यक्ति थे, लेकिन विलियम गेट्स III या "ट्रे" के नाम से जाने जाते थे क्योंकि उनके पिता ने अपने नाम के आखिर में III जोड़ना छोड़ दिया था. उनके जीवन के प्रारंभिक काल में उनके माता पिता के मन में उनके लिए कानून का कैरियर था उन्हे ये पता नही था कि वे क्या कर जाएँगे |

वह तेरह वर्ष की उम्र में लेकसाइड स्कूल (Lakeside School) नामक प्रस्तुति विद्यालय में भर्ती हुए. जब वे आठवीं कक्षा में थे, विद्यालय के मदर क्लब ने लेकसाइड स्कूल के रद्दी सामानों की बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग विद्यालय के छात्रों के लिए एक ऐएसआर - 33 (ASR-33)दूरटंकण (teletype)टर्मिनल (terminal) तथाजनरल इलेक्ट्रिक (General Electric) ( जी.ई . ) कंप्यूटर  खरीदने के लिए किया.

गेट्स ने BASIC (BASIC) {ये एक प्रोग्रामिंग language है } में GE सिस्टम की प्रोग्रामिंग में रूचि दिखाई और उन्हें उनकी इस रूचि के लिए गणित की कक्षाओं से छूट दी गई. उन्होंने अपना पहला कंप्यूटर प्रोग्राम इस मशीन पर लिखा : जो था टिक-टैक-टो (tic-tac-toe) जो कम्प्युटर पर काम करने वालो को कंप्यूटर से खेल खेलने का अवसर प्रदान करता था.
गेट्स इस मशीन से सहज आकर्षित थे कि कैसे यह हमेशा सॉफ़्टवेयर कोड exact edit करता है .बाद में इस क्षण को पीछे मुड कर देखते हुए उन्होंने टिप्पणी की और कहा, "मशीन में जरुर कुछ गूढ़ बात रही होगी." मदर क्लब के दान का अर्थ समाप्त हो जाने के बाद , वे अन्य छात्रों के साथ डीईसी (DEC)पीडीपी (PDP)मिनी कंप्यूटरों (minicomputer) सहित सिस्टमों पर समय मांगते रहे. इनमें से एक सिस्टम पीडीपी-१० (PDP-10) कंप्यूटर सेण्टर कारपोरेशन (सीसीसी-ccc ) का था, जिसके द्वारा लेकसाइड के चार छात्रों - गेट्सपाल एलेन (Paul Allen), रिक वेइलैंड (Ric Weiland), और केंट एवंस पर पुरे गर्मी महीने के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया गया ---जब उन्हें ऑपरेटिंग सिस्टम में रहे खामिओं का अपव्यवहार कर निःशुल्क कंप्यूटर में समय प्राप्त करते हुए पकड़ा गया था. यानि कि ये चारो अपने अपने दिमाग से कम्प्युटर मे उपस्थित ऑपरेटिंग सिस्टम कि कमियो को चोरी छिपे दूर करना चाहते थे जिसके लिए वो चोरी से कम्प्युटर इस्तेमाल करते हुआ मतलब फ्री मे कम्प्युटर इस्तेमाल करते पकड़े गए जिसके लिए उन पर पूरे गर्मियों के महीनो का प्रतिबंध लगा दिया गया |
प्रतिबंध के अंत में, चारों छात्रों ने नि:शुल्क कंप्यूटर समय के बदले में सीसीसी के सॉफ्टवेर को खामिओं से मुक्त करने की पेशकश की| उन्होने तय किया कि वो सीसीसी के सॉफ्टवेर की खराबियों को दूर करके ही डैम लेंगे जिसके लिए वे  .दूरटंकण मध्यम से सिस्टम के उपयोग के बजाए, सीसीसी के कार्यालयों में जाते रहे और विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सोर्स कोड(source code) जो कि फोर्टरन (FORTRAN), लिस्प (LISP), और मशीन भाषा (Assembly language) सहित का अध्ययन किया. सीसीसी के साथ यह व्यवस्था 1970 तक चलती रही, जब वह बंद हो गई. अगले वर्ष, इन्फोर्मेशन साइंसेस आइएनसी. लेकसाइड के चार छात्रों को कंप्यूटर समय एवं रॉयल्टी उपलब्ध कराकर कोबोल (COBOL), पर एक पेरोल प्रोग्राम लिखने के लिए किराए पर रख लिया.जब प्रशासकों को उनके प्रोग्रामिंग क्षमताओं के बारे में जानकारी हुई, गेट्स कक्षाओं में छात्रों को अनुसूचित करने के लिए विद्यालय हेतु एक कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा. वे कोड में इसतरह संशोधन किए ताकि उन्हें अधिकांश महिला छात्राओंवाली कक्षाओं में रखा जाता रहे.बाद में उन्होंने वर्णन किया कि " एक मशीन, जिसपर मैं इतना भ्रान्ति रहित सफल प्रदर्शन कर सकता था ,से मुझे चीरकर अलग करना कठिन था." 
17 वर्ष की आयु में, गेट्स एलन के साथ मिलकर ,इंटेल 8008 प्रोसेसर (Traf-O-Data) पर आधारित यातायात काउनटर (traffic counter) बनाने के लिए ट्राफ-ओ-डाटा (Intel 8008) के नाम से एक उपक्रम बनाया.
गेट्स लेकसाइड स्कूल से वर्ष 1973 में स्नातक हुए .संयुक्त राज्य में कॉलेज दाखिले के लिए मानकीकृत परीक्षा SATs में वे 1600 में 1590 अंक प्राप्त किएएवं तत्पश्चात सन् 1973 में हारवर्ड कॉलेज (Harvard College) में उनका नामांकन हुआ. हालांकि हार्वर्ड में, उन्हें अपने भविष्य के व्यापारिक साझीदार स्टीव बल्ल्मेर (Steve Ballmer) मिले, जिन्हें बाद में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के रूप में नियुक्त किया .उन्हें हार्वर्ड में कंप्यूटर वैज्ञानिक क्रिस्टोस पपदिमित्रिऔ (Christos Papadimitriou) भी मिलें जिनसे वे एल्गोरिदम से सम्बंधित एक लिखत पर साँझा सहयोग प्राप्त की. हार्वर्ड में, छात्रावस्था में, उनका अध्यन का कोई निश्चित योजना नही था और अंततः वर्ष 1975 में उन्होंने विदा ले लिया.
इंटेल के इंटेल 8080 (Intel 8080) CPU (CPU) जारी करने के बाद गेट्स ने महसूस किया कि यही प्रथम कंप्यूटर चीप है जिसका मूल्य $200 से कम है, BASIC में काम कर सकता है तथा उस समय प्राप्त व्यक्तिगत कंप्यूटर के अन्दर चलनेवाला सबसे वहनयोग्य चीप है. उन्होंने तय पाया कि यही एक मौका है समय का फायदा उठाने का एवं पॉल एलन  के साथ एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी (माइक्रोसॉफ़्ट) का शुभारम्भ करने का फ़ैसला लिया .उन्होंने अपने माता पिता से इस निर्णय के सबध में आलोचना की थी, जो कि गेट्स के सॉफ्टवेर कंपनी प्रारम्भ करने के तीब्र समर्थक रहे थे.

निजी जीवन
गेट्स की शादी फ्रांसीसी मेलिंडा (Melinda French) के साथ डलासटेक्सास में जून 1, 1994 को हुई  उनके तीन बच्चे हैं: जेनिफर कैथेराइन गेट्स (1996), रोरी जॉन गेट्स (1999)एवं फोएबे अदेले गेट्स (2002). बिल गेट्स का घर लेक वॉशिंगटन (Lake Washington) की ओर झांकती हुई, एक पहाड़ी के पास धरती पर आश्रय जो मेडीना (Medina), वॉशिंगटन में है,21 वीं सदी की एक भू आश्रित मकान है.
गेट्स"फोर्ब्स 400 (Forbes 400)"सूची में 1993 से लगातार 2007 तक और फोर्ब्सके "विश्व के सबसे अमीर लोगों की (The World's Richest People)" सूची में 1995 से 2007 तक नम्बर एक पर रहे.संक्षेप में, वर्ष 1999 में गेट्स की संपत्ति $101 अरब पार कर गया, जिससे खबरों में उनका नाम "सेंटीबिलयेनायर" में आ गया. सन् 2000 सेडॉट-कॉम बुलबुले (dot-com bubble) के फटने से माइक्रोसॉफ्ट के शेयर की कीमत में गिरावट के बाद तथा कई अरब डॉलर अपने दातव्य संस्थानों में दान करने से उनके माइक्रोसॉफ्ट होल्डिंग्स के अंकित मूल्य में कमी आयी है.मई 2006 के एक साक्षात्कार में गेट्स ने टिप्पणी की कि उनकी यह कामना नही रही कि वे विश्व में सबसे धनी व्यक्ति बने क्योंकि इसप्रकार नजरों पर चढ़ना उन्हें नापसंद है. गेट्स का माइक्रोसॉफ्ट से बाहर कई निवेश है,जिससे उन्हें वर्ष 2006 में वेतन के मद में $६१६६६७ और बोनस के मद में $३५००००, कुल $९६६६६७ का भुगतान मिला. उन्होंने 1989 में एक डिजीटल इमेजिंग कंपनी कोर्बिस (Corbis) की स्थापना की.2004 में वे उनके पुराने मित्र वॉरेन बुफे (Warren Buffett) के नेतृत्व वाले एक निवेशक कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) में निर्देशक (director) बने. वे, कास्केड इनवेस्टमेंट समूह , जो एक विविध होल्डिंगवालाधन प्रबंधन (wealth management)फार्म है ,के ग्राहक हैं.
सोफ़वेयर निर्माता के बारे मे जानने के बाद अब हम सॉफ्टवेयर के बारे मे जानेंगे यानि कि अब हम विंडोज के बारे मे और जानेंगे जो हमने अभी तक कुछ नही जाना है तो अगली मेल का इंतजार करें और शुरू करते हैं विंडोज 7 सीरीज |

मौहम्मद मौनिस सैफी